राजस्थान में अजमेर स्थित ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह का प्रबंध संभालने वाली दरगाह कमेटी व मुस्लिम समाज की गठित मुस्लिम एकता मंच के बीच दरगाह क्षेत्र में ही सोलहखंबा क्षेत्र में शौचालय निर्माण को लेकर चल रहे विवाद पर आज दरगाह कमेटी के ख्वाजा मॉडल स्कूल पर दरगाह कमेटी के सदर अमीन पठान ने स्पष्ट किया है कि सोलहखंबा की जमीन खानकाह की जमीन पर है और इसका मालिकाना हक दरगाह कमेटी के पास है इसलिए यहां केवल और केवल जायरीनों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए शौचालयों का ही निर्माण कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि कुछ लोग गलतफहमियां पैदा कर दरगाह कमेटी के खिलाफ खड़े होकर उसके द्वारा चलाए जा रहे विकास कार्यों में अड़ंगा लगाने का काम करते हैं लेकिन उनका यह गैर जिम्मेदाराना रुख सफल नहीं होगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि बेसमेंट से कॉलम स्ट्रक्चर खड़ा कर पहली मंजिल पर निर्माण कराया जाएगा और वहां केवल शौचालय का ही निर्माण होगा और कुछ नहीं। उन्होंने कहा कि दरगाह से जुड़ी अंजुमन सैयद जादगान व शेखजादगान की सहमति के बाद ही निर्माण कार्य शुरू किया गया है और दरगाह कमेटी ने अस्तित्व में आते ही जायरीनों की सुविधाओं के लिए इस निर्माण का फैसला लिया था लेकिन कुछ तथाकथित लोग झूठी अफवाह फैलाकर समाज को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने अपील की कि कोई भी इन निजी स्वार्थ वाले लोगों की बातों में न आए और भ्रमित न हो। उन्होंने मीडिया के समक्ष वादा किया कि एक इंच जमीन भी किसी को नहीं दी जाएगी और न ही उसका दुरुपयोग होने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि समाज के ये तथाकथित लोग यदि सच्चे हितेषी है तो बेवजह के अड़ंगे लगाने की बजाए दरगाह के नजदीकी जगह बताए दरगाह कमेटी वहां भी जायरीनों की सुविधा के लिए शौचालयों का निर्माण करा देगा।
गौरतलब है कि बीते कल एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर मुस्लिम एकता मंच के पदाधिकारियों ने दरगाह कमेटी पर सोलहखंबा की वक्फ संपत्ति को आपस में बांटकर खुर्द बुर्द करने का आरोप लगाया था और कहा था कि वे शौचालय की आड़ में बेसमेंट में दरगाह दीवान का कार्यालय व ऊपरी मंजिल पर फ्लैटों के निर्माण का फैसला ले चुके हैं। लेकिन आज पठान ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि जमीन का यह भाग दरगाह कमेटी का है और जहां तक दीवान साहब का सवाल है वह पदीय संपत्ति के रूप में रहती है। पठान ने मंच से जुड़े लोगों से भी अपील की कि वे आगे आकर समाजहित में सहयोग करें क्योंकि इससे पहले भी वे लोग महिला कॉरीडोर निर्माण, ख्वाजा गरीब नवाज यूनिवर्सिटी, प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान कायड़ विश्राम स्थली दुरुपयोग, ख्वाजा मॉडल स्कूल की संबद्धता जैसे मामलों में भी अड़ंगा लगा चुके हैं और धमकाने डराने की बात करते हैं। जो चलने वाली नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि शौचालय वाले मामले में भी इन लोगों ने कोर्ट मे पीआईएल लगाई है लेकिन अभी स्टे नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि कोर्ट के निर्णय से दरगाह कमेटी भी बंधी हुई है। एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने दरगाह में खासकर उर्स के दौरान जायरीनों की भीड़ को नियंत्रित व व्यवस्थित करने के काम को चुनौतीपूर्ण बताते हुए कहा कि इससे निबटने के लिए सालाना उर्स 808 के पहले गेटों को चौड़ा करने का काम पूरा कर लिया जाएगा।
लोकसभा के बाद कल राज्यसभा में भी नागरिकता बिल पास हो जाने के सवाल के जवाब में श्री पठान ने कहा कि अल्पसंख्यकों को डरने की जरूरत नहीं है क्योंकि गृहमंत्री अमित शाह ने बार बार इस बात को दोहराया है कि देश में मुसलमानों को कोई तकलीफ नहीं होगी और उन्हें डरने की जरूरत नहीं है। बिल पर पठान ने कहा कि सरकार ने सदन में जो वादा किया है उसे वह पूरी जिम्मेवारी के साथ पूरा करेगी ऐसी उम्मीद है।