फिल्म पानीपत का अजमेर में भी हुआ विरोध, प्रदर्शन रोकने की मांग

राजस्थान के अजमेर में आज छात्र संगठनों ने फिल्म ' पानीपत ' के प्रदर्शन पर कड़ा ऐतराज दर्ज किया। जयपुर, भरतपुर, कोटा सहज अनेक शहरों में विरोध के बाद आज पानीपत के खिलाफ अजमेर शहर में भी लोग सड़कों पता उतरे।
सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय छात्रसंघ के अध्यक्ष विकास गोरा तथा विद्यार्थी परिषद से जुड़े सीताराम चौधरी के नेतृत्व में छात्रों का समूह अजमेर जिलाधीशालय पहुंचा और जिला कलेक्टर को ज्ञापन देकर पानीपत फिल्म पर तत्काल प्रभाव से प्रदर्शन पर रोक लगाने की मांग की। छात्रों ने महाराजा सूरजमल अमर रहे तथा फिल्म को बंद करने के समर्थन में उत्तेजना पूर्ण नारे लगाए। बाद में छात्रसंघ के अध्यक्ष विकास गोरा ने मीडिया को बताया कि जिला कलेक्टर ने उन्हें आश्वस्त किया है कि पानीपत प्रदर्शन पर रोक की कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि फिल्म निर्माता निर्देशकों द्वारा पहले जोधा-अकबर, फिर पद्मावत तथा अब पानीपत फिल्म में इतिहास को तोड़ मड़ोड़कर पेश कर युवा पीढ़ी को भ्रमित करने का काम किया है जिसका समाज में गलत संदेश जाता है। उन्होंने आरोप लगाया कि निर्माता आशुतोष गवारीकर ने फिल्म में साक्ष्यों से छेड़छाड़ कर महाराजा सूरजमल का चित्रण गलत तरीके से किया है और उन्हें गुलामों के रूप में दिखाया गया है। जबकि वास्तविकता ये है कि महाराजा सूरजमल साहसी रहे है। छात्र समूह ने फिल्म पर रोक लगाने की मांग के साथ चेतावनी दी कि यदि आज शाम तक जिला कलेक्टर ने प्रतिबंध नहीं लगाया तो छात्र स्वयं बंद के काम को हाथ में लेंगे और ऐसी स्थिति में किसी भी परिणाम के लिए जिला प्रशासन जिम्मेवार होगा।
गौरतलब है कि अजमेर के मृदंग टाकीज तथा माया मंदिर में फिल्म का प्रदर्शन शुरू हुआ था लेकिन विरोध के चलते उसे रुकवा दिया गया।