कौमी एकता का संदेश देने वाली विश्व प्रसिद्ध अजमेर दरगाह शरीफ के खुद्दाम-ए-ख्वाजा को मंजूर नहीं नागरिक संशोधन बिल, विरोध में उठाए जबरदस्त स्वर

केंद्र सरकार के नागरिक संशोधन बिल (CAB) के विरोध में आज राजस्थान स्थित ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह अजमेर शरीफ पर एक ' एहतेजाजी जलसा ' आयोजित किया गया जिसमें बड़ी संख्या में खुद्दाम-ए-ख्वाजा व जायरीनों ने शिरकत की।
जुम्मे की नमाज के बाद आहता-ए-नूर पर आयोजित इस जलसे में सभी ने एकमत से नागरिक संशोधन बिल का विरोध करते हुए भारत के राष्ट्रपति को एक विरोध पत्र भेजने का फैसला लिया जिसमें कहा गया कि ' मजहबी बुनियाद पर शहरीयत तरमीमी बिल 2019 (CAB) को पास किया, इसकी हम मजम्मत करते है। यह दस्तूरे हिंद और जमहूरियत के खिलाफ है। वो हमें मंजूर नहीं।' 
खादिमों की संस्था अंजुमन सैयद जादगान के सदर हाजी सैयद मोईन हुसैन व सचिव हाजी सैयद वाहिद हुसैन की ओर से एक सामूहिक प्रस्ताव पास किया गया जिसमें कहा गया कि दुनिया की सबसे बड़ी सेक्यूलर जमहूरियत के दस्तूर में जो मजहबी जात और नस्ल की बुनियाद पर तफरीक की इजाजत नहीं देता जिसमें सूफी संतों की तालीम की बू आती है, जिसको आजादी वतन के बाद मैआमारां वतन ने मजहब की तफरीक से बलातार होकर सैक्यूलरिजम की बुनियाद पर आईन को तश्कीर किया था। इसमें मुदाखलत नहीं होनी चाहिए, हिंदुस्तान के हर उस शहरी खास तौर खानकाहों और सूफी संत से उम्मीद करते है कि वो मुल्क के बेमिसाल कानून की हिफाजत के लिए अपना फर्ज पूरा करेंगें। इसमें लिखा गया है कि हम किसी भी मजहब के मानने वाले को हिंदुस्तानी शहरीयत देने के खिलाफ नहीं है लेकिन हिंदुस्तानी आईन में मजहबी ऐतबार से तरमीम के खिलाफ है और खासतौर पर उन नाम निहाद धर्म गुरुओं से जो मुसलमानों के ठेकेदार बने हुए है उनको चाहिए कि कौम की न सही मुल्क के आईने के लिए आवाज बुलंद करें और सच्चे हिंदुस्तानी होने का सबूत दें।
इस प्रस्ताव में हुकूमत-ए-हिंद और उनके अलम बरदारों से एहतेजाजी अपील करते है कि ऐसे इकदाम से बाज आए, किसी मजहब के लिए नहीं मुल्क की सलामियत को देखते हुए अपने फरीजे को अंजाम दें, जिन्होंने मेंबर पार्ल्यामेंट बनने के बाद आईन का हलफ लिया और जिस आईन से ऐवान में बैठे वे उसकी हिफाजत करें।
इस प्रस्ताव के बाद यह साफ हो गया है कि पूरे विश्व में अमनो अमान का संदेश देने वाली अजमेर दरगाह शरीफ से नागरिक संशोधन बिल के खिलाफ संदेश जा रहा है। आज के जलसे का आयोजन अंजुमन सैयद जादगान की ओर से किया गया लेकिन उसमें अंजुमन शेखजादगान के भी सभी लोग उपस्थित रहे। सभी ने एक स्वर से इस बिल को वापस लिए जाने की मांग की। जलसे में तय किया गया कि भारत एक धर्म निरपेक्ष राष्ट्र है और इसके संविधान से छेड़छाड़ करना देशहित में नहीं है। सूत्रों की माने तो यह प्रस्ताव जिला प्रशासन के माध्यम से न भेजकर सीधे राष्ट्रपति को भेजा जाएगा। खास बात यह है कि आज के इस जलसे में भारी भीड़ को देखते हुए इस बात को बल मिला है कि मुस्लिम समाज नागरिक संशोधन बिल से पूरी तरह असंतुष्ट है।