अधिकार मंच ने केंद्र सरकार पर देश को बेचने का आरोप लगाया

राजस्थान अनुसूचित जाति जनजाति अधिकार मंच ने आज अजमेर में जिला कलेक्टर विश्व मोहन शर्मा को राष्ट्रपति के नाम का ज्ञापन सौंपते हुए केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि सरकारी विभाग व कंपनियां जो लाभ में चल रही हैं उनका हिस्सा बेचने का मतलब देश बेचा जा रहा है। मंच ने सरकार से मांग की कि वह इस निजीकरण की नीति को तुरंत बदले।


प्रदेशाध्यक्ष छीतरमल टेपण ने अपने तेरह सूत्रीय ज्ञापन में आरोप लगाया कि - ' न खाउंगा न खाने दूंगा देश नहीं झूकने दूंगा, देश नहीं बिकने दूंगा ' सरकार के यह नारे खोखले साबित हो रहे हैं। उन्होंने बेरोजगारों को नौकरी देने व देश को आर्थिक मंदी से उबारने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि भारत के उद्योग धंधे व व्यवसाय आर्थिक मंदी के चलते डायलिसिस पर है और जनमानस की आशाएं टूट रही है।


ज्ञापन में रेलवे का निजीकरण रोकने, बैंकों का विलीनीकरण रोकने, सरकारी सेवा प्रदाता कंपनियों का हिस्सा बेचने, बड़े बड़े मंदिरों की अकूत संपत्तियों को सरकारी नियंत्रण में लेकर उस राशि को शिक्षा व मेडिकल सुविधा पर खर्च करने, बलात्कारियों पर तय समय सीमा में फांसी पर लटकाए जाने तथा अवैध खनन की रोकथाम की मांग की गई है। श्री टेपण ने कहा कि देशहित के जनता से जुड़े इन मुद्दों पर मंच आंदोलन से भी पीछे नहीं हटेगा। ज्ञापन में गोपालदास, प्रताप यादव, लक्ष्मीकांत आर्य, विजय नागौरा, के.एल. कलोसिया, सौरभ यादव, शकुंतला बाघमार, मिट्ठूलाल बंजारा के हस्ताक्षर रहे। इन सभी ने जिला कलेक्टर से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा।